Thursday, August 16, 2012

क्या ये सही नही है ...???


कहते है !टूटे दिल की कोई ,आवाज नही होती ,
टूटे पंखों से आसमां में 'परवाज़ नही होती ।

दिल खटाक से टूटकर ,चूर -चूर हो गया ,
पंक्षी बिना पंखों के भी ,आसमां में फुर्र हो गया ,

'कमलेश 'हो वक्त बेरहम तो , हर पांसा फांस जाता है ,
हो वक्त बा-वफा तो इन्सां , जहर को भी चांट जाता है ॥

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